विरह प्रभात
विरह प्रभात
आज मिलन की रात सजन, कल विरह प्रभात होगा।
ना जाने कब तुमसे पुनः, अब यूं प्रेम मिलाप होगा।
ये रात कितनी हसीन है , जो मुझे छले जा रही है।
वियोग से पहले तुमसे , संयोग अदभुद करा रही है।
श्रृंगार भरे पल हैं ये,प्रातः सैकड़ों सर्पदंश घात होगा ।
आज मिलन की रात सजन,कल विरह प्रभात होगा।
तेरा गमन कैसेे देखूंगी, विरह तीरों को कैसे सह पाउंगी।
इन नैनों की मौन भाषा मेंं ही,तुम्हें विदा मै कर पाउंगी।
चकवा चकवी का ना जाने कब, पुनः प्रेम प्रलाप होगा।
आज मिलन की रात सजन, कल विरह प्रभात होगा।
सूना हो जाएगा घर आंगन ,सूनी हो जाएगी अमराई ।
इस घर के हर कोने में ,पगलाई सी ढूंढूंगी तेरी परछाई।
तन्हा तन्हा रहना मेरे लिए ,सजन बहुत ही दुश्वार होगा।
आज मिलन की रात सजन,कल विरह प्रभात होगा।
ये रात कितनी चहक रही है, सुबह कितना तड़पाएगी।
मुझ विरहन के दिल मेंं ,अगन की हूक सी उठ जाएगी।
कल मेरे दिल मेंं ओ दिलवर, कितना आर्तनाद होगा।
आज मिलन की रात,सजन, कल विरह प्रभात होगा.......।
ये समय तो मनुहार का है, तेरे मेरे संपूर्ण प्यार का है ।
अपने हाथों से मेरा श्रृंगार कर दो,मेरे रूह को निखार दो।
कल प्रभात की किरणों में, इन नयनों से अश्रुपात होगा।
आज मिलन की रात सजन, कल विरह प्रभात होगा।
काश! मैं रोक पाती,इस मादक ,सुनहरी,सजीली रात को।
समय को मैं बांध लेती, ज़ुल्फ़ो के महकते पारिज़ात से।
कल प्रस्थान की बेला मेंं कैसे द़िलों पर इख्तियार होगा।
आज मिलन की रात सजन,कल विरह प्रभात होगा.......।
स्नेहलता पाण्डेय'स्नेह'
नई दिल्ली
11/6/21
Kumawat Meenakshi Meera
11-Jun-2021 06:59 PM
Bahut sundar
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Seema Priyadarshini sahay
11-Jun-2021 04:50 PM
👌👌👌👌
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Aalhadini
11-Jun-2021 11:51 AM
सुन्दर
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Sneh lata pandey
11-Jun-2021 12:22 PM
Thanks
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